मैंने तुमसे प्यार किया,कोई गुनाह नहीं | मत देना सजा मुझको, तुम्हारे सिवा किसी से मिलाईं निगाहें नहीं | (तथागत नीतेश शाक्य)
निगाहें मिली मेरी जब तुमसे, एक पल ही देखा था, हो गया प्यार एक पल में, कभी नहीं यह सोचा था| किया है मैंने प्यार तुम से, दुनिया को भुला के| न जाओ तुम हमसे दूर, दुनिया में हम को रुला के| (तथागत नीतेश शाक्य)
खिलते हैं फूल बागों में, खिल जाए तेरी खुशियां जैसे फूल खिलते हैं कांटो में, कोई रुकावट ना आए तेरे प्यार में, तू खिलता रहे संसार में, अगर कोई गम हो तो मुझे बता देना, हंस के सह लेंगे हम|
पत्थर दिलों से कभी प्यार मत करना, दिलों को तोड़ जाएंगे, कर देंगे हजारों टुकड़े, वो भी तुम्हारे नसीब ना आएंगे
प्यास लगी हमें तो दरिया के तरफ चलने लगे|
तुम्हें देखकर हम हर पल संवरने लगे|
बिखरे बिखरे रहते थे हम इस सरजमीं पर,
आप मिले तो हम हर जगह निखरने लगे|
Neetesh Shakya
जख्म अभी भरे नहीं किरोधने कोशिश न करें|
किसने ने दिए जख्म जानने की कोशिश न करें|
वह अजनबी नहीं अपने ही होते हैं जो जिगर में खंजर घोंप देते हैं|
जख्म भर न सको तो क्रोधने की कोशिश न करें|
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प्यार करना आसान निभाना कठिन है|
जख्म देना आसान भरना कठिन है|
प्यार में जख्मी हर कोई होता है|
अपने जख्म दिखाना आसान छुपाना कठिन है|
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प्यार ला-इलाज बीमारी है |
जिसका इलाज सिर्फ शादी है
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धोखा वही देते हैं जो अपने खास होते हैं|
वह धोखा क्या देंगे जो हमेशा दूर होते हैं|
🙏🙅✒प्रिय एन. एस. अजनबी ✒🙅🙏
Nice
ReplyDeletegood share
ReplyDeleteGjb
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