Sankisa Film City

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Sunday, 25 February 2018

एक चेतावनी लघु कहानी by Neetesh shakya & Kaushal Shakya

एक बहुत सुन्दर लड्की थी | वह प्रतिदिन मंदिर में पूजा करने जाती थी। उस लड्की पर एक लड्के की नजर पडी। वह लडका उस लड्की को देखकर मोहित हो गया और उससे वह बहुत प्यार करने लगा। एक दिन उस लड्के ने मन्दिर जाने वाली लडकी को अपने मन की बात बताई कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूं । में तुमसे शादी करना चाहता हुं। लड़कीने   कहा कि हम तो आपको जानते नहीं शादी के लिये कैसे कह  दूं। लडके ने कहा मे आपके बिना जी नहीं पाऊंगा और तुम्हारे सिवा किसी को न चाहूंंगा। लडकी ने कहा कि यदि तुम मुझसे इतना प्यार करते हो  तो कुछ दिनों मेरे जवाब का इंतजार करना होगा। लडका बोला हम आपका हर समय  इंतजार करूंगा। लडकी उस लडके का जवाब सुनकर चली गयी उस लडकी ने कुम्हहार से पांच घढे खरीदे । पहले मे थूक दूूसरे मे नाक तीसरे और चौथेे मे मल मूूूूत्र एकत्रित किया। पांचवें  घढे मे स्वयं बैठी और सभी घढे पालकी मे रखवाये और कहारोंं कहा इस पालकी को उस लडके के पास ले चलो कहार पालकी को लेकर लडके के पास पहुंंचे। उन घढों को लडके को दिखया पांंचवां घडा छोडकर लडका हैरान हो गया और थू-थू करने लगा फिर पांंचवें घढे से लडकी निकली और बोली जब  आपकोइन  घढों से प्यार नहीं तो हमसे कैसे ये तो सब हमारे शरीर  की ही तो  हैं । यह सुनकर चुुुपचाप हो गया और सोचने लगा कि इस  शरीर मे गंदगी ही गन्दद्गी है और कुछ नहींं इससे तो   अच्छा है कि परम पिता परमात्मा की अरधाना करें।


यार प्यार के चक्कर में न पडे, मेरी छोटी सी कहानी से कुछ सीख लें।

                                                                                                                         काहानीकार
                                                                                                           नीतेश शाक्य और कौशल शाक्य