भीम:-
तेरे पास दौलत है, भीम की बदौलत है।
फिर भी तू भूला उनको, जीता जिनकी बदौलत है।
तेरे पास ........................................................।
हम सब की खातिर भीम
ने, कितने कष्ट झेले हैं।
सम्मान दिलाने को, कितनी अपमान झेले हैं॥1॥
देश में जो सौहरत है, भीम की बदौलत है।
तेरे पास ........................................................।
नहीं था नसीब पानी, हम सबको पीने को।
आज हर घर में देखो, बिस्लरी का पानी है॥
नही था नसीब खाना, हम सबको खाने को।
आज घर-घर में देखो, चलती बिरियानी है॥
नहीं है देन तैतीस करोड, देवी देवताओं की।
ये तो अपने डा. भीम राव की महरबानी है॥2॥
जीने की महौलत है, भीम की बदौलत है।
तेरे पास ........................................................।
देश में आडंवर, अभी तक फैले हैं।
मनुवदिओं के भक्त, आज भी बैठे हैं॥
इन मनु भक्तों को भीम
की जरूरत है॥3॥
तेरे पास ........................................................।
(Tathagat Neetesh Shakya)
3 comments:
nice good
Very good
Good lins
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