लिख डाले वेद पुराण, इन्होंने भईया झुठी.!
फिर भी अंधविश्वास पर चल रहे, इनके हिये की भूटी...!!!
फिर भी अंधविश्वास पर चल रहे, इनके हिये की भूटी...!!!
रघू वाण से पैदा भये, रथ में दशरथ पाये....!!
मच्छरी से मच्छ्दरनाथ भये, सूर्य से करण बताये
कान फूक हनुमान भये, हथनी बच्चा गणेश जियाए
सीता निकली जनकपुरी में, हर से मटकी फूटी
फिर भी अंधविश्वास पर चल रहे, इनके हिये की भूटी...!!!
मच्छरी से मच्छ्दरनाथ भये, सूर्य से करण बताये
कान फूक हनुमान भये, हथनी बच्चा गणेश जियाए
सीता निकली जनकपुरी में, हर से मटकी फूटी
फिर भी अंधविश्वास पर चल रहे, इनके हिये की भूटी...!!!
दशरथ के बेटा न भये, रानियाँ बाँहें हैरान भई
रघू पुत्र भागे विश्वामित्र की शरण लई
विश्वामित्र ने फिर एक नई चाल दिखलाई
घोटि के लाये खीर, न रानियाँ संग रात विताई
खीर से पैदा भये राम,लक्ष्मन,भरत,शत्रुधन बात लगती है झुठी
फिर भी अंधविश्वास पर चल रहे, इनके हिये की भूटी...!!!
रघू पुत्र भागे विश्वामित्र की शरण लई
विश्वामित्र ने फिर एक नई चाल दिखलाई
घोटि के लाये खीर, न रानियाँ संग रात विताई
खीर से पैदा भये राम,लक्ष्मन,भरत,शत्रुधन बात लगती है झुठी
फिर भी अंधविश्वास पर चल रहे, इनके हिये की भूटी...!!!
सर्प गिरा कड़ाई में,उसे देख रही थी मेढकी
संत आये दूध पीने, रक्षा कवच बनी मेढकी
महात्मा सोचने लगे, मेरी जान इसने बचाई
उसके अस्त पंजर जोड़के, सुंदर कन्या जियाई
मेढ़की के अस्त पंजरों कैसे बनेगी बेटी
फिर भी अंधविश्वास पर चल रहे, इनके हिये की भूटी...!!!
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ नीतेश शाक्य***********
संत आये दूध पीने, रक्षा कवच बनी मेढकी
महात्मा सोचने लगे, मेरी जान इसने बचाई
उसके अस्त पंजर जोड़के, सुंदर कन्या जियाई
मेढ़की के अस्त पंजरों कैसे बनेगी बेटी
फिर भी अंधविश्वास पर चल रहे, इनके हिये की भूटी...!!!
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ नीतेश शाक्य***********
No comments:
Post a Comment