Sunday, 11 August 2019

शादी से हुई बर्बादी kavita by Priy Neetesh Shakya



            शादी से हुई बर्बादी

मेरी सजा बुल गयी यार, फांसी को कर दिया तैयार।
मेरा है यही सवाल, कैसे बचेंगे हम यार ।

माता-पिता खुश हैं, खुश हैं दादा-दादी।
हमरी तो मुसीबत होवे, गर करली शादी॥
(भयंकर मुझे ससुराल मिली, साला है न साली)
कैसे फंद कटैगो यार, आवे नारी की सरकार।
मेरी................................................तैयार।

अब लगता है आजादी, मेरी दूर गयी है भागी।
सोना मेरा होवे हराम, जगावे नागिन कारी॥
मेरी खुशियां लुट गयी यार, मां का छुडा दिया प्यार॥
मेरी.............................................................तैयार।

आते ही खर्चा करावे, रोज मंगावे सिंगार।
सईंया मेरी बात मानों, जल्दी जाना बाजार॥
जीना हो गया मेरा बेहाल, फांसी को कर दिया तैयार।
मेरी.............................................................तैयार।
      प्रिय नीतेश शाक्य (05/12/2018)

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