शादी
से हुई बर्बादी
मेरी
सजा बुल गयी यार, फांसी को कर दिया
तैयार।
मेरा है
यही सवाल, कैसे बचेंगे हम यार ।
माता-पिता
खुश हैं, खुश हैं दादा-दादी।
हमरी तो
मुसीबत होवे, गर करली शादी॥
(भयंकर
मुझे ससुराल मिली, साला है न साली)
कैसे
फंद कटैगो यार, आवे नारी की सरकार।
मेरी................................................तैयार।
अब लगता
है आजादी, मेरी दूर गयी है भागी।
सोना
मेरा होवे हराम, जगावे नागिन कारी॥
मेरी
खुशियां लुट गयी यार, मां का छुडा दिया
प्यार॥
मेरी.............................................................तैयार।
आते ही
खर्चा करावे, रोज मंगावे सिंगार।
सईंया
मेरी बात मानों, जल्दी जाना बाजार॥
जीना हो
गया मेरा बेहाल, फांसी को कर दिया
तैयार।
मेरी.............................................................तैयार।
प्रिय नीतेश शाक्य (05/12/2018)
No comments:
Post a Comment