आज के वर्तमान सत्र में दहेज लेना कोई गुनाह नहीं क्योंकि कन्या पक्ष के
हमेशा यह सोचते हैं कि मेरी बेटी को ससुराल में कोई काम न करना पड़े और
मेरी बेटी की शादी ऐसे घर में हो जहां पर नौकर नौकरानी कार्यरत हों और मेरी
बेटी बैठकर हुकूमत चलाए अब इस क्रिया में लड़की पक्ष के गरीब हो या अमीर
दोनों व्यक्तियों की सोच यही रहती है कि लड़का हष्ट पुष्ट और सुंदर हो जमीन
की जोते भी अच्छी हो लेकिन दहेज न लगे अमीर परिवार के लियेे कन्या पक्ष के
लाखों रुपए बोहरे ब्याजवाले से व्याज पर ले लेंगे लेकिन गरीब परिवार मैं
शादी नहीं करेंगे। इस लिए इसी सोच के अनुसार दहेज लेना अनिवार्य है। लड़के
पक्ष के भी अपनी मेहनत करके घर मकान जमीन उपलब्ध करते हैं। ऐसे में वो
कन्या पक्ष से दहेज न ले तो भी ठीक नहीं रहता। क्योंकि जिसके पास जमीन है
दौलत है वे व्यक्ति बिना दहेज के शादी करने लगेंगे तो एक बात तो सच है।
गरीब परिवार के लड़कों की शादी की मात्रा कम हो जाएगी और कोई लड़की वाला
यही नहीं सोचेगा कि गरीब परिवार में शादी की जाए। इसीलिए बर्तमान सत्र के
अनुसार दहेज लेना अनिवार्य है।
"सभी पाठक बंधुओं से अनुरोध है यदि आपको ऐसा लगता है कि मेरे द्वारा लिखे गए शब्द गलत हैं तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं l "
"Neetesh Shakya Ajanbi"
Link:- https://shabd.in/post/111993/neetesh-ajnabi
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