Sankisa Film City

समाज में होने वाली घटनाओं के प्रति, हम अपने विचारों को इस साइड के मध्यम से लोगों तक पहुचाने के लिए इस ब्लॉग को तैयार किया है| हमारे साथ जुड़ें और समाज के प्रति जागरूक बने | धन्यवाद

Wallcome to sankisa film city.
wallcome to sankisa film city.

Friday, 6 March 2020

जिसको समझा अपना वो ही गद्दार है | by Neetesh Shakya

ये दुनियां धोखेबाज है |
जिसको समझा अपना वो ही गद्दार है |

जिसको मासूम समझा जाता, पत्थर दिल वो होते|
करके प्रेम वफ़ा उनसे, दिन-रात हम रोते ||
खाई कस्मे वफ़ा की हमसे, वो ही धोखेबाज है|

मायूस होकर बैठ जाते, प्यारे सभी दिल वाले|
किसको अपने दिल की सुनाये, वो भी इश्क के मारे ||
इश्क वफ़ा,, इश्क ही धोखेबाज है|

""मेरी सरारत उनको अच्छी न लगी|
जब की हकीकत वयां वो सच्ची न लगी|
रबसे दुआ की उसे पाने के,
मेरी दुआ रब को अच्छी न लगी||""

रब भी देखो कितना सताता, वो भी अपने न होते|
एक अरदास मेरी सुनते, हम भी कभी न रोते||
जिसने खाई कस्मे, वो ही दगाबाज है|
जिसको समझा अपना वो ही गद्दार है |
                           
 Upload Date:-06/03/2020

No comments: