तीसरा चरण:-
थाट:- गाने के अनुसार
ध्वनि में मधुरता लाने की क्रिया हो थाट कहते हैं |
थाट के
प्रकार:- प्राचीन शास्त्रीय संगीत में 9 थाटों का लेख है| वर्तमान संगीत में लगभग
इन्ही का प्रयोग होता है|
1:-
बिलाबल थाट :- इसमें
सभी शुद्ध स्वर होते हैं|
2:-
भैरवी थाट- इसमें
कोमल रे_ ग_ ध_ नि_ प्रयोग करते हैं|
उदाहरण:- सा रे_ ग_ म प ध_ नि_
3:-
भैरव थाट:- इसमें
कोमल रे_ ध_ का प्रयोग करते हैं|
उदाहरण:- सा रे_ ग म प ध_ नि
4:-
तोड़ी थाट:- इसमें
कोमल रे_ ग_ ध_ और तीव्र म` का प्रयोग करते हैं|
उदाहरण:- सा रे_ ग_ म` प ध_ नि
5:-
मारवा थाट:- इसमें
कोमल रे_ और तीव्र म` का प्रयोग करते हैं|
उदाहरण:- सा रे_ ग म` प ध नि
6:-
पूर्वी थाट:- इसमें
कोमल रे_ ध_ और तीव्र म` का प्रयोग करते हैं|
उदाहरण:- सा रे_ ग म` प ध_ नि
7:-
कल्याण थाट:- इसमें
शुद्ध म को छोड़कर सभी शुद्ध स्वर होते हैं| तीव्र म` का प्रयोग करते हैं|
उदाहरण:- सा रे ग म` प ध नि
8:-
खमाज थाट:- इसमें
कोमल नि_ और सभी शुद्ध स्वर होते हैं|
उदाहरण:- सा रे ग म प ध नि_
9:-
काफी थाट:- इसमें
कोमल ग_ नि_ और सभी शुद्ध स्वर लगते हैं|
उदाहरण:- सा रे ग_ म प ध नि_


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