कॉलेज के कुछ पल
उन पलों
को कैसे भूलें हम, जो कॉलेज मे बिताया
करते थे।
वो दिन
थे पढाई करने के, तब शोरगुल मचाया करते
थे॥
फुलझडी
नोट बुक मांगा करती थी, बुक देने को टहलाया
करते थे।
हम
वन्दे थे क्रिकेट खेलने वाले, नोट बुक कहां बनाया करते थे॥
कुछ
फुलझडियां खाना लाया करती थी, हम सब छुपाके खाया
करते थे।
गुरुजनों
के पास शिकायात जाती थी, हंसके उनको मनाया करते थे ॥
वो
पल अब नहीं आयेंगे, जो कॉलेज मे बिताया करते थे।
उन पलों
को कैसे भूलें हम, जो कॉलेज मे बिताया
करते थे।।
Neetesh Shakya 9719445146
No comments:
Post a Comment