बुद्धं शरणं बोल के (बुद्ध गीत)
बुद्धं शरणं बोलके....................3
जाता
हूं बुद्ध शरण मे हम सब, नैन पट को खोलके।
शरण
संघ-2 तू अपनाले, आडंवर को छोडके।
ज्ञान
तुझे मिले, संघशील अपनाजा।
शीलों का करले पालन, दिव्य ज्योति जलाजा॥
बहती है ज्ञान की धारा, पाले इसे दौड के।
शरण
संघ-2 ..............................छोडके।
मदरा
पान भुलाके तू, सदमार्ग अपनाले।
सत्य
अहिंसा करुणा दया, अपने मन मे बसाले॥
प्रेम
पंथ अपनाले तू, घृणा हिंसा छोडके।
शरण
संघ-2 ............................छोडके।
क्यों
करते हो खून खरावा, अमन शांती अपनाले।
धन दौलत
के पीछे मत, अपना बैर बढाले॥
कहता है
एन.एस. सभी से, अपने कर को जोडके।
शरण
संघ-2 .........................................छोडके।
Priya Neetesh Shakya 9719445146
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