जिन शब्दों को मंद व मध्यम स्केल पर गाया जाए और उन शब्दों से मनुष्य के शरीर में बसी हीनभावना, अनहकवाणी,मिध्याचार्य, आदि मनुष्य के शरीर से गाना सुनते सुनते मनुष्य के अंतर्मन से बाहर निकल जाते जिससे मनुष्य का मन और चित्त शांत होता है। उसे भजन कहते हैं। जबकि राग में कम से कम 5 स्वर अधिक से अधिक 9 स्वर कोमल तीव्र मिलाकर होते हैं। राग बंदिश नियम व शर्तों के आधार पर गाए जाते हैं। रागों के साथ गायन बहुत अच्छा लगता है। राग लहराती हुई वाणी में गाया जाता है। जबकि भजन में कोई बंदिश नहीं होती लेकिन भजन भी किसी न किसी राग पर आधारित होता है।
स्पष्ट:- भजन को आप बंदिश रहित गा सकते हैं लेकिन राग नियमानुसार ही गया जाएगा।
स्पष्ट:- भजन को आप बंदिश रहित गा सकते हैं लेकिन राग नियमानुसार ही गया जाएगा।
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